Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2023 · 1 min read

कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।

कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
स्वप्न -सृष्टि -संवेदना अद्भुत अगम अनूप ।

-महेन्द्र नारायण

2 Likes · 1 Comment · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahendra Narayan
View all
You may also like:
बाल गीत
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
"मेला"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन का प्रथम प्रेम
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
Jitendra kumar
* पावन धरा *
* पावन धरा *
surenderpal vaidya
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
Annu Gurjar
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
Taj Mohammad
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
SPK Sachin Lodhi
बुंदेली (दमदार दुमदार ) दोहे
बुंदेली (दमदार दुमदार ) दोहे
Subhash Singhai
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
Phool gufran
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
सत्य कुमार प्रेमी
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
manjula chauhan
मां कात्यायिनी स्तुति
मां कात्यायिनी स्तुति
मधुसूदन गौतम
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चौदह साल वनवासी राम का,
चौदह साल वनवासी राम का,
Dr. Man Mohan Krishna
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
जब तक साँसें देह में,
जब तक साँसें देह में,
sushil sarna
आज आप जिस किसी से पूछो कि आप कैसे हो? और क्या चल रहा है ज़िं
आज आप जिस किसी से पूछो कि आप कैसे हो? और क्या चल रहा है ज़िं
पूर्वार्थ
लेख
लेख
Praveen Sain
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
Công ty Đồng Phục Asian tự hào là đơn vị chuyên cung cấp đồn
Công ty Đồng Phục Asian tự hào là đơn vị chuyên cung cấp đồn
dongphucasian111
Loading...