प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
कितना अजीब ये किशोरावस्था
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट