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26 Mar 2022 · 1 min read

कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

ये बातें नहीं अनर्गल है
आज तेरा तो मेरा कल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

कभी शह कभी मात
मंजर बदलता पल-पल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

कभी हवाएं थम सी-जाती
पल में हो जाती चंचल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

कभी समस्याएं लगती कठीन है
पल में लगती बहुत सरल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

सब छोड़ यहीं पर जाना है
फिर पूछता”विशाल”करता कोई क्यों छल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

राजीव विशाल (रोहतासी)
मो-8210666825

Language: Hindi
237 Views
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