कुछ बात थी
तेरे बिन आज फिर अंधेरी रात थी
कुछ नहीं था अब वो सूनी रात थी।।
मैं तो अब भी खड़ा हूं तेरी राह में
गर तुम आ जाते तो कुछ बात थी।।
तू जानता है अंधेरे से डरता हूं मैं
तुम जुगनू बन जाते तो कुछ बात थी।।
है सफर ये लंबा, तेरे बिन कटेगा नहीं
राह में तू मिल जाता तो कुछ बात थी।।
जानता हूं ज़माने से डरते हो तुम
इश्क़ छुपकर जताते तो कुछ बात थी।।
दिल ये टूटा नहीं है, है तेरी आस में
तुम दिल में बस जाते तो कुछ बात थी।।