कुछ बाते अधूरी
एक तरफ हम और एक तरफ तुम
ओर एक तरफ हमसफ़र की यादों की डोरी
जो चले साथ जिंदगी के प्यार इश्क़ मोहब्बत न पूरी
हा मुझे अच्छी तरह याद है रह गई कुछ बाते अधुरी
करने चले थे हम कहीं सैर गांव दुनिया की
करनी थी बात बस प्यार इश्क़ मोहब्बत दो लफ़्ज़ों की
न रहा बो सपनों का सौदागर ना इश्क़ और जी हजूरी
हा मुझे अच्छी तरह याद है रह गई कुछ बाते अधूरी
बिताने थे साथ कुछ पल खुशी के
जीने थे साथ कुछ पल खामोशी के
पर खुदा ने ही ना दी शायद हमको ये मंजूरी
हा मुझे अच्छी तरह याद है कुछ बाते रह गई अधूरी ।