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3 Feb 2024 · 1 min read

कुछ बातें ज़रूरी हैं

अच्छी मीठी बातें तो सब करते हैं
पर अच्छी सोच रखना ज़रूरी है ,

कमी तो पीछे हर कोई गिनाता है
पर कमी को सामने से बताना ज़रूरी है ,

ग़लतफहमी में रहना सबकी फितरत है
पर ग़लतफहमी मिटाना ज़रूरी है ,

झूठी तारीफ़ की चाशनी में डूबना सुखद होता है
पर झूठी तारीफ़ में थोड़ा सच का तीख़ा ज़रूरी है ,

रिश्तेदारियां तो बहुत होती हैं
पर रिश्तेदारी में रिश्ते बनाना ज़रूरी है ,

जलन उपर चढ़ने वालों से लाज़िमी है
पर जलन में थोड़ी बर्फ लगाना ज़रूरी है ,

दोस्ती तो सबसे होती हैं
पर दोस्ती को कायम रखना ज़रूरी है ,

तुम – मैं करना आदत सी बन गई है
पर तुम – मैं को हम समझना ज़रूरी है ,

स्वार्थी हो जाते हैं ज़्यादातर ख़ुदग़र्ज़
पर स्वार्थ का इलाज़ करना ज़रूरी है ,

वार तो सब छुपकर सब पर करते है
पर वार का पलटवार दिखना ज़रूरी है ,

नफ़रत का रंग सबकी नसों में भर गया है
पर नफ़रत के रंग में प्यार का रंग भरना ज़रूरी है ,

विचार सबके अलग-अलग होते हैं
पर विचार सबका देश के लिए एक रखना ज़रूरी है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा )

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