कुछ बातें किया करो
हमसे कोई बात किया करो।
कभी मुलाकात किया करो।
क्यों नाराज़ हूं इक अर्से से
तुम सवालात किया करो।
बस तुम बात किया करो।
बिछड़े है तो ,मिलने के भी
पैदा हालात किया करो ।
बस तुम बात किया करो।
मुश्किलें हल कैसे हो चुप रहने से
ज़ाहिर ख़्यालात किया करो।
बस तुम बात किया करो।
सुरिंदर कौर