कुछ बड़ा करने का वक़्त आ गया है…
कुछ बड़ा करने का वक़्त आ गया है…
थक-हार कर यूॅं बैठने से काम नहीं चलेगा।
पता नहीं मन का वो उत्साह कहाॅं गया है…
सफ़र की शुरुआत के बिना मुक़ाम नहीं मिलेगा।
…. अजित कर्ण ✍️
कुछ बड़ा करने का वक़्त आ गया है…
थक-हार कर यूॅं बैठने से काम नहीं चलेगा।
पता नहीं मन का वो उत्साह कहाॅं गया है…
सफ़र की शुरुआत के बिना मुक़ाम नहीं मिलेगा।
…. अजित कर्ण ✍️