कुछ पाने की कोशिश में
कुछ पाने की कोशिश में , बहुत खो गया
जिंदगी देख मेरे साथ,क्या से क्या हो गया
फूल मेरी राह में कभी खिलने ही नहीं थे
जब किसी और की राह, कांटे मैं बो गया
बद्दुआएं ऐसे दिल से दे गया है कोई मुझे
कोई बात करें तो लगे नश्तर चुभो गया
वो शख्स इतने खलूस से मिला था हमें
सांसों की माला में अपना नाम पिरो गया।
बहुत थक गया हूं मैं रातों को जाग कर
जबीं चूम ले जो खुदा , मैं सजदे में सो गया
सुरिंदर कौर