कुछ पल हम बस यही रुक जाते है…..।
कुछ पल हम बस यही रुक जाते है,
बीते हुए दिन को आज फिर से दोहराते है,
क्या कमियां रह गई थी जिंदगी में,
चलो आज वापिस उन्हें भर लाते है,
चाहे टूटे होंगे दिल कही,
उन्हें जोड़ने का एक मौका ढूंढ लेते है।
कुछ पल हम बस यही रुक जाते है…..
अपनी कश्ति में एक सुखून सा दिया जलाते है,
किसके लिए आज उनकी चहरे की मुस्कान बन जाते है,
किसी और की खुशी से अपनी खुशी को वापिस ले आते है।
कुछ पल हम बस यही रुक जाते है…..
चलते हुए राह से अपनी पहचान बनाते है,
बिना डगमगाए आज आसमान छू आते है,
समंदर की लहरों जैसे, हम खुद उमंग बन जाते है।
जो भी हासिल किया है उसे एक बार दोहराते है।
कुछ पल हम बस यही रुक जाते है…..