कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
ये लम्हें मयस्सर कल फिर हो न हो।
उम्र बढ़ेगी बच्चे भी निकल पड़ेंगे कल की खोज में
कंपकपाते हाथों में हाथ कल हो न हो।
बूढ़ा शरीर फिर से एक दुजे का सहारा होगा
जाने तब फिर ये हालात हो न हो।