कुछ पल मुस्कुराये होते
तुम अगर मेरी जिंदगी में आये होते
तो हम भी कुछ पल मुस्कुराये होते !!
न रहते जिंदगी में तुम भी यूँ तन्हा
न अकेले में हमने आँसू बहाये होते !!
बेझिझक होती खट्टी मीठी तकरार भी
न गुफ्तगू के लिये बहाने बनाये होते !!
नाता अपना भी अधूरा था ख़ुदा के घर से
वरना बाहोँ के झूले हमने भी झुलायें होते !!
कोई तो रहा होगा नाता “धर्म” से जग में
यूँ ही तो न एक दूजे के दिल में समाये होते !!
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डी के निवातिया _____________@