कुछ पल अपना है…..!
एक गीत तुम भी कभी गया करो
अपने आप को आंचल में सुलाया करो।
फ़ुरसत से बैठो जरा , सभी गम भुलाया करो
दर्द बहुत है लेकिन एक हमदर्द बनाया करो।
अपने आप को आंचल में सुलाया करो,
व्यस्त हो ये सभी जानते है,
कभी अपनों के लिए समय बचाया करो।
हंसना शायद तुम्हे आता नहीं हो भले,
लेकिन कभी पल भर मुस्कुराया करो।
इसलिए एक गीत तुम भी कभी गया करो,
अपने आप को आंचल में सुलाया करो।
: – बिमल रजक