Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2018 · 1 min read

कुछ दिन

कुछ दिन गरीब और रह जा ऐ जिन्दगी ।
राह में तेरे बेशक असंख्य सैलाब आए।
फर्क क्या पड़ता है तुझे उनसे बह जा
या ठहर ले जब तक न मंजिल आ जाए।।
ऐ जिन्दगी थोड़ा तो इन्तजार कर।
क्या डरती है क्यों तड़पती है।
क्या कभी पत्थर भी रास्ता मोड़ती है।।

Language: Hindi
2 Likes · 285 Views

You may also like these posts

💐💞💐
💐💞💐
शेखर सिंह
दुनिया रंग दिखाती है
दुनिया रंग दिखाती है
Surinder blackpen
😢सीधी बात😢
😢सीधी बात😢
*प्रणय*
बौद्ध नैयायिक अथवा मैथिल नैयायिक
बौद्ध नैयायिक अथवा मैथिल नैयायिक
श्रीहर्ष आचार्य
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
Shashi kala vyas
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
Dr Archana Gupta
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
ruby kumari
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
*वृक्ष लगाओ हर साल*
*वृक्ष लगाओ हर साल*
Krishna Manshi
नाख़ूनों पर
नाख़ूनों पर
Akash Agam
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
उॅंगली मेरी ओर उठी
उॅंगली मेरी ओर उठी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रही है जिन्दगी, हर वक्त मन परेशान ख
इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रही है जिन्दगी, हर वक्त मन परेशान ख
Ritesh Deo
नेता
नेता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बूढ़े भूतों का गाँव
बूढ़े भूतों का गाँव
Vivek Pandey
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
Rj Anand Prajapati
नाग पंचमी आज
नाग पंचमी आज
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
मज़दूर
मज़दूर
आशा शैली
अब मुझे जाने दे
अब मुझे जाने दे
Jyoti Roshni
2616.पूर्णिका
2616.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"मोहि मन भावै स्नेह की बोली"
राकेश चौरसिया
जीवन एक संघर्ष....
जीवन एक संघर्ष....
Shubham Pandey (S P)
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अपने 'रब' को भी खुद में पा लेते
अपने 'रब' को भी खुद में पा लेते
Dr fauzia Naseem shad
संवेदना
संवेदना
Ruchika Rai
विचार
विचार
Shriyansh Gupta
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
Loading...