“कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
“कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है…!
“कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात हैं,
कुछ थमें हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसाते है.!
“कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं,कुछ नासमझ इशारे हैं,
कुछ ऐसे मंझधार हैं,जिनके मिलते नहीं किनारे हैं..!
“कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब है..
इसी का नाम ज़िन्दगी है.बस चलते रही ये जनाब….!