कुछ तो है उनके प्यार में
कुछ लोग जुदा हो जाते है,
कुछ लोग विदा हो जाते है,
कुछ तो अपना दिल देकर,
यूँ ही खफा हो जाते है।
कुछ तो प्यार लुटाते है,
कुछ प्यार में मिट जाते है,
कुछ तो किसी का दिल तोड़कर,
यूँ ही बेवफा सा मुस्कुराते है।
कुछ कहूँ अब कैसे उनको,
कुछ प्यार में यूँ ही रूठ जाते है,
कुछ तो दिल के करीब होकर,
यूँ ही दूरियों का गम जताते है।
कुछ पल उनकी आँखों में,
कुछ चेहरे सा नज़र आता,
कुछ तो दिल के धड़कन से,
यूँ ही अपना हाल बताते है।
कुछ तो है उनके प्यार में,
कुछ ओठों से तीर चलाते है,
कुछ तो दिल से बातें कर के,
यूँ ही खुद को समझाते है।
रचनाकार ✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।