कुछ तो बदल रहा है
कुछ तो बदल रहा है
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ठीक ही तो है कुछ तो बदल रहा है
पर कुछ ही नहीं बहुत कुछ बदल रहा है,
आंखें फाड़कर देखिए
सब कुछ साफ़ साफ़ दिखेगा।
क्या आपको नहीं दिख रहा
हमारा आपका रहन सहन बदल रहा है
सभ्यता संस्कार आचार विचार बदल रहा है
हर किसी का बात व्यवहार बदल रहा है,
मानवीय मूल्यों का आधार बदल रहा है
छोटे बड़े में संवाद का अंदाज बदल रहा है
बड़े बुजुर्गो का भाव बदल रहा है
अनाथालय, वृद्धाश्रम का भाव बदल रहा है
अनाचार अत्याचार, भ्रष्टाचार का अंदाज बदल रहा है
शिष्टाचार का अंदाज बदल रहा है
बहन बेटियों के प्रति व्यवहार बदल रहा है
अपनों का अपनों से लगाव बदल रहा है
राजनीति का इतिहास भूगोल बदल रहा है
नेताओं का जनता के प्रति व्यवहार बदल रहा है
जनता के भी जीने का अंदाज बदल रहा है
देश दुनिया का आपसी समन्वय
स्वार्थ की चाशनी में रंग बदल रहा है।
देश बदल रहा है, दुनिया बदल रही है
सच के कहें तो आज हमारा आपका
परिवार, समाज, देश दुनिया, जाति धर्म का
चाल चरित्र चेहरा बदल रहा है।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश