कुछ तो बताओ
1222 1222 122
***************************
*** कुछ तो बताओ (ग़ज़ल) ****
***************************
सुनो भार्या जरा कुछ तो बताओ,
बुझा मुखड़ा भला कुछ तो बताओ।
हुईं क्या है ख़ता हमको सुनाओ,
लटें उलझी प्रिया कुछ तो बताओ।
उड़ा है रंग हंसी चेहरे का,
हुआ क्या माजरा कुछ तो बताओ।
चली आबो हवा कैसी यहाँ पर,
नहीं सुनता न कोई कुछ तो बताओ।
न मनसीरत सुनाए गीत नग़मे,
गई है टूट शाला कुछ तो बताओ।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)