कुछ तुम कहो
कुछ तुम कहो मुझसे
कुछ मैं कहु तुमसे
दूरियाँ दूर हो जाये हमसे
बातों का सिलसिला चलता रहे ऐसे
छुप जाए एक दूजे के निगाहों में
जैसे बादल…… आसमानो में
भीग जाए एक दूजे के प्यार से
जैसे रिम-झिम…… बारिश मे
कुछ तुम कहो मुझसे
कुछ मैं कहु तुमसे
दूरियाँ दूर हो जाये हमसे
बातों का सिलसिला चलता रहे ऐसे
छुप जाए एक दूजे के निगाहों में
जैसे बादल…… आसमानो में
भीग जाए एक दूजे के प्यार से
जैसे रिम-झिम…… बारिश मे