कुछ चेहरे खुशियों में भी नम होते हैं।
हर किसी की जिन्दगी में गम होते हैं।
कुछ चेहरे खुशियों में भी नम होते हैं।।1।।
इक तुम ही ना परेशाँ हो इस जहां में।
हम भी हिज़्र ए इश्क में सनम रोते है।।2।।
मयखाने आने की मजबूरी है हमारी।
ज़ाम में मिला कर दर्द ए गम पीते है।।3।।
जानें कबसे रास्ता देखती है बेटे का।
बूढ़ी आंखों से अश्क हर दम बहते है।।4।।
शिफा पा जाओगे बीमारे जिंदगी से।
काबा चलकर आबे जम जम पीते है।।5।।
दर्दों गम में जी रही है जो जिंदगियां।
आ उनके जख्मों का मरहम बनते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ