कुछ गैर समझ लेते हैं
कुछ गैर समझ लेते हैं
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कितना आसान है ये कह देना
कि कुछ लोग गैर समझ लेते हैं,
पर शायद वे ही सबसे करीब होते हैं
यही बात हम आप नहीं समझते हैं ।
क्योंकि वे हमारी चिंता करते हैं
हमारे अच्छे बुरे का ध्यान रखते हैं
हमें अपना समझते हैं,
इसलिए थोड़े कड़क होते हैं
हमारी हर कारगुज़ारी पर पैनी नजर रखते हैं।
इसलिए हमारी नज़रों में चुभते हैं
वे हमें तो गैर नहीं अपना समझते हैं
मगर हम ही उन्हें गैर समझ बैठते हैं
अपने सबसे बड़े शुभचिंतक को ही
हम अपनादुश्मन मान बैठते हैं
और गैर का तमगा चस्पा कर देते हैं।
सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश