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22 Jul 2024 · 1 min read

कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,

कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
क्योंकि हम दिल से समझौता कर बैठे हैं ।।।
बाहर से हम जिंदा दिखते हैं,,,,।
लेकिन अंदर से मर बैठे हैं।।।

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