कुछ ख्याल रखें
रखे हुए हैं कुछ ख्याल संभाल कर
जब फुर्सत हो तब तुम ले जाना
प्यार, प्रेम, इश्क़, मोहब्बत सब कुछ
तस्वीरों में सज़ा के रखें, तुम ले जाना
कच्चे- पक्के वादे नहीं, सब ही सच्चे
संदूक है अरमानों की उसमें सज़ा रखें
न हम जुदा हुए, न, हम तन्हा ही हुए
अपने मन मन्दिर में बसा के रखें हुए
सांझ ढले तुम आना, संग अपने आना
शिव भोले की तरह तुम संग मेरे रहना
पूजा अर्चना, धूप, दीप, नैवेद्य, सभी ही
आरती की थाली में सब ही सजाऊंगी
होले से आना तुम, पायल, कंगन, चुडी की
खनन, खन-खन की आवाज से जाग न जाउँ
दिल की धड़कन, शीशा , दर्पण, सब ही
तेरे इंतज़ार में बैठे हैं, तुम बन-ठन के आना
घुटन, हर सांस की चुभन सब ही तो चुभती है
हवा की तरह बहते हुए तुम भी आना
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा