कुछ खत मोहब्बत के
कुछ खत मोहब्बत के
कुछ खत मोहब्बत के, रखें मेरे पास,
क्या पता तुमको कि वो कितने खास।
पहला जब खत आया,प्यार से भरा,
याद से उसकी अपना,दिल है हरा भरा।
शब्द शब्द कह रहे, बस ये ही जज़्बात,
सही जाए दूरी न,जल्दी हो मुलाकात।
मिलन आस की लिए,आया दूजा खत,
बोल रहा जैसे,मन की खोल रहा परत।
मुस्काता मन मेरा,व्याकुल हुआ ये तन,
प्रिय से मिलन का,अब तो हो जतन।
::रामनारायण कौरव”राम”
शिवाजी नगर,करेली
जिला नरसिंहपुर(म.प्र.)