कुछ कहने का दिल है
कुछ कहने का दिल है,
आज बहुत दिनों के बाद…..
शिकायत है, तन्हाई है, शायद दिल की तड़फ है….नहीं नहीं……..
शायद दिल का ही दर्द हरा हुआ है,
आज बहुत दिनों के बाद…..
दिल की तड़फ, नहीं नहीं……
शायद तन्हाई से बात हुई है,
आज बहुत दिनों के बाद………
तन्हाई से बात? हां हुई है…..
शायद मेरा वक्त हुआ है सांझा,
आज बहुत दिनों के बाद…..
न कह पाने की मजबूरी में,मैं….
रोज रोता था…..और मेरा दिल,
तन्हाई में गुनगुनाया है,
आज बहुत दिनों के बाद……..
दिल भी वही है, दिल के दर्द भी वही हैं….
शायद शब्दों ने साथ दिया है,
आज बहुत दिनों के बाद…..
मैं भी वही हूं, मेरी तन्हाई वही है…
शायद लब्जो ने साथ दिया है,
आज बहुत दिनों के बाद…….
– कृष्ण सिंह
मेरे बारे में….
मेरा नाम “कृष्ण सिंह” है । मैं सरकारी जॉब में हूँ । हरियाणा के रेवाड़ी जिले के छोटे से गांव में रहता हूँ । कविता अपने लिये लिखता हूं, लेकिन औरों से बाटने में आनन्द की अनुभूति होती है । प्रथम कविता 02 फरवरी 2022 में अमर उजाला अखबार के “मेरे अल्फ़ाज़” ब्लॉग में “कुछ कहने का दिल है आज बहुत दिनों के बाद” शीर्षक से प्रकाशित हुई है। तभी से लिखने की एक नई दिशा मिली हैं । आपके अमुल्य प्रतिकिया के सदैव इन्तजार में… कृष्ण सिंह’…. आप मुझसे बात यहाँ कर सकते …. आप चाहे तो अपना नाम और e-mail id भी दे सकते है ।