कुछ कल्पना ,कुछ हकीकत
मैंने देखा, अपने भाई को शिव के रूप मे, मैंने देखा ,अपने भाई को कृष्ण के रूप में, मैंने देखा, अपने भाई को करूणा के रुप में, मैंने देखा ,अपने भाई को राम के रूप में, मैंने देखा ,अपने भाई को सृजन के रुप में,
ये मेरी नजरिया है और मैंने देखा, अपने को अर्जन( कामना)के रुप में , मैंने देखा, अपने को विशेषाधिकार प्राप्त रिश्तों के कयासों( कल्पना ) रुप में, मैंने देखा ,अपने को बहुत दबाव भरें अंहकारो में,-डॉ.सीमा कुमारी 21-7-024की स्वरचित रचना है।