कुछ और लम्हा
कुछ और लम्हा मैं तो तेरा साथ चाहता हूँ!
आँखों में जम गयी वो बरसात चाहता हूँ!
सुना हैं मुझको बहुत चाहते हो तुम मगर
बस आप की जुबां से इज़हार चाहता हूँ!
चाहता हूँ सोचता हूँ तुझे हर घड़ी हर पल
हद से भी ज्यादा सनम तेरा प्यार चाहता हूँ!
कर दो मुआफ गर हुई कोई खता हम से
युँ तुम से अलग होके नही जीना चाहता हूँ!
जब भी मिलोगे कहेगे दिल की ये बात हम
बस आपकी आँखों ही में रहना चाहता हूँ!
-Anoop S
29 Oct and 2019