कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
कब तक किसी के वास्ते सूखा रहूँगा मैं
kuch is liye bhi aaj wo mujh par baras pada
Kab tak kisi ke waste sookha rahunga main
~Aadarsh Dubey
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
कब तक किसी के वास्ते सूखा रहूँगा मैं
kuch is liye bhi aaj wo mujh par baras pada
Kab tak kisi ke waste sookha rahunga main
~Aadarsh Dubey