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8 May 2023 · 1 min read

कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,

कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
वो हमसे न मिले,वो हमारे न हुए बस उम्र उम्मीदों मे गुजर गयी

विशाल बाबू ✍️✍️

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