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13 Feb 2023 · 1 min read

कुकुभ छंद

🦚
कुकुभ छंद
*********
दौलत बिखरी पड़ी जगत में, अपनी झोली भर लेना ।
जानबूझ कर कभी किसी को, नहीं‌ भूलकर दुख देना ।।
नेक कर्म जो करते जग में, वे जन अच्छी गति पाते ।
सत्कर्मों के चुंबक से खिंच, धन, यश, वैभव ,गुण आते ।।
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🌻🌻🌻

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Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
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