Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 2 min read

*कुकर्मी पुजारी*

एक पुरानी दास्ता है, एक लड़का था लालू।
बहन श्यामा पिता कल्लू और भाई था डल्लू।
सब परिवार मिलकर करता, पब्लिक सफाई।
गरीबी और छुआछूत में, करते भी क्या भाई।।१।।
लल्लू आज्ञा मान पिता की, करता लैट्रिन साफ।
सुबह को जल्दी उठकर, शाम को देर से आता आप।
मलिन गंदी बस्ती थी वह, जहां रहता था लल्लू।
नाई धोबी भिश्ती रहते, और रहते थे ठल्लू।।२।।
रोज सुनता पिता की गाली, और अमीरों की फटकार।
एक था पुजारी कालीनाथ, दिखावा सा करता व्यवहार।
पुजारी ने एक दिन, सुंदरी श्यामा को कुएं पर देखा।
अभिभूत हुआ देख श्यामा को, कुविचार की उभरी रेखा।।३।।
पुजारी ने श्यामा को, मंदिर की सफाई हेतु बुलाया।
इस बहाने कुकर्म करने का, उसने मन बनाया।
जब घर आयी श्यामा, सब कुछ लल्लू से फरमाया।
दुराचारी है पुजारी वो, जो मंदिर में आया।।४।।
क्रोध के मारे लल्लू की, आंखें हो गई लाल।
जी में आया करूंगा,इस पुजारी का बुरा हाल।
हैसियत नहीं हमारी बेटा, पिता ने सब समझाया।
वो अमीर है हम गरीब, मामला खत्म कराया।।५।।
सोचता है क्या जीना है, ऐसा भी क्या जीना?
आग लगी है दिल में मेरे, किसे दिखाऊं सीना।
क्या करें वह गरीब था, और उसका परिवार।
पर उसकी इच्छा ऊंची थी, और ऊंचे थे विचार।।६।।
था वह छुआछूत का, प्रबल कट्टर विरोधी।
कोई करता छुआछूत की बात, तो हो जाता क्रोधी।
सोचता रहता हर समय, कब अच्छे दिन आएंगे।
कब होंगे सामान हम, कब बराबर कहलाएंगे।।७।।
कोई ऊंचा न कोई नीचा, क्यों करते ऐसा व्यवहार?
उसने ही हर एक बनाया, उसने ही सारा संसार।
सब सामान इंसान हैं, लाओ न मन में नीच विचार।
संविधान बनकर बाबा साहब ने, किया है सब पर बड़ा उपकार।।८।।
ऊंच नीच का भेद छोड़ दो, सब सामान इंसान हैं।
कोई बड़ा ना कोई छोटा, सब कुछ दिन के मेहमान हैं।
इज्जत सबके इज्जत होती, दुष्यन्त कुमार का सार है।
पढ़ लिखकर भी ऐसा करते, तो जीवन ये अधिकार है।।९।।

Language: Hindi
1 Like · 144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dushyant Kumar
View all
You may also like:
मायने  लफ़्ज़  के  नहीं  कुछ भी ,
मायने लफ़्ज़ के नहीं कुछ भी ,
Dr fauzia Naseem shad
No Second Option
No Second Option
पूर्वार्थ
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ख़ता हुई थी
ख़ता हुई थी
हिमांशु Kulshrestha
!! ख़फ़ा!!
!! ख़फ़ा!!
जय लगन कुमार हैप्पी
स्वार्थी आदमी
स्वार्थी आदमी
अनिल "आदर्श"
घाव वो फूल है…..
घाव वो फूल है…..
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
*मन का मीत छले*
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नौकरी गुलामों का पेशा है।
नौकरी गुलामों का पेशा है।
Rj Anand Prajapati
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Preschool Franchise India
Preschool Franchise India
Londonkids
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
नवगीत : मौन
नवगीत : मौन
Sushila joshi
चांद शेर
चांद शेर
Bodhisatva kastooriya
रावण न जला हां ज्ञान जला।
रावण न जला हां ज्ञान जला।
मधुसूदन गौतम
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
Ajit Kumar "Karn"
🙅आज का मैच🙅
🙅आज का मैच🙅
*प्रणय*
हैप्पी न्यू ईयर 2024
हैप्पी न्यू ईयर 2024
Shivkumar Bilagrami
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
Radha Bablu mishra
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
3982.💐 *पूर्णिका* 💐
3982.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नशा त्याग दो
नशा त्याग दो
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
" शिक्षक "
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
Loading...