कुण्डलिया
हर किसी के शब्द कहें,किसका क्या है मोल।
जो व्यर्थ है बोलता , खोले अपनी पोल।।
खोले अपनी पोल, सामने सच आ जाता ।
बिना करे आवाज, चना थोथा रह न पाता।।
कह श्री कविराय , वचन ये संत ऋषि के ।
किसका क्या है मोल,शब्द कहें हर किसी के ।।