कुण्डलिया
एक अनार हो गई,अब सरकारी नौकरी ।
एक सौ बीमार हैं, क्या करेंगे चौधरी ।।
क्या करेंगे चौधरी , बेहद बेरोजगारी ।
हर कोई चाहता,मिले नौकरी सरकारी ।।
कहे श्री कविराय,यहां हैं बहुत बीमार ।
अमृत का एक घूंट ,नौकरी हुई अनार ।।
एक अनार हो गई,अब सरकारी नौकरी ।
एक सौ बीमार हैं, क्या करेंगे चौधरी ।।
क्या करेंगे चौधरी , बेहद बेरोजगारी ।
हर कोई चाहता,मिले नौकरी सरकारी ।।
कहे श्री कविराय,यहां हैं बहुत बीमार ।
अमृत का एक घूंट ,नौकरी हुई अनार ।।