कुंडलिया
दोहे
योग्य विवश होकर यहाँ, झेल रहे संताप।
बना हुआ है देश में, आरक्षण अभिशाप।
वंचित हैं वे आज भी, जिनका है अधिकार।
जाने ‘कब’ इस शाप से, होगा जन उध्दार।
इषुप्रिय शर्मा’अंकित’
रामपुरकलाँ,सबलगढ(म.प्र.)
दोहे
योग्य विवश होकर यहाँ, झेल रहे संताप।
बना हुआ है देश में, आरक्षण अभिशाप।
वंचित हैं वे आज भी, जिनका है अधिकार।
जाने ‘कब’ इस शाप से, होगा जन उध्दार।
इषुप्रिय शर्मा’अंकित’
रामपुरकलाँ,सबलगढ(म.प्र.)