500 और 1000 के नोट बंद होने पर –
कैसी विवशता आई, खुल गयी भरी तिजोरी
पाई- पाई निकल गयी जोड़ी जो चोरी- चोरी
जोड़ी जो चोरी-चोरी, खुल गयी उसकी पोल
मोदी जी क्या समझेंगे, गाढ़ी कमाई का मोल
एक दिन की मोहलत दी न की व्यवस्था कैसी
दिखाते- छुपाते ना बने, आई विवशता कैसी !