Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2023 · 1 min read

कुंडलिया छंद

सारे रखना चाहते, अपनी ऊँची नाक।
तार-तार इंसानियत ,बात यही बेबाक।।
बात यही बेबाक,शुरू जब हुई लड़ाई।
खुशियाँ चढ़तीं भेंट,नहीं होती भरपाई।
होती सबकी हानि ,मरे या कोई मारे।
कहता है इतिहास,सत्य ये सुन लो सारे।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय

1 Like · 194 Views

You may also like these posts

खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
ruby kumari
रोम-रोम में राम....
रोम-रोम में राम....
डॉ.सीमा अग्रवाल
वर्ण
वर्ण
Rambali Mishra
19. *मायके की याद*
19. *मायके की याद*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
पेट भरता नहीं
पेट भरता नहीं
Dr fauzia Naseem shad
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
दीपक झा रुद्रा
2947.*पूर्णिका*
2947.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटी की ताकत पहचाने
बेटी की ताकत पहचाने
D.N. Jha
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सड़क
सड़क
SHAMA PARVEEN
यूँ तो सब
यूँ तो सब
हिमांशु Kulshrestha
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*Awakening of dreams*
*Awakening of dreams*
Poonam Matia
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
Manisha Manjari
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
डॉ. दीपक बवेजा
माॅ के गम में
माॅ के गम में
Chitra Bisht
GM
GM
*प्रणय*
संविधान दिवस
संविधान दिवस
TAMANNA BILASPURI
चुपके से मिलने आना
चुपके से मिलने आना
Praveen Bhardwaj
पहला प्यार
पहला प्यार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
लड़ाई छल और हल की
लड़ाई छल और हल की
Khajan Singh Nain
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
"खिड़की"
Dr. Kishan tandon kranti
हमें स्वयं के प्रति संदेह करना होगा जीवन की गहराई में उतरना
हमें स्वयं के प्रति संदेह करना होगा जीवन की गहराई में उतरना
Ravikesh Jha
चौपाई - तुलसीदास
चौपाई - तुलसीदास
Sudhir srivastava
प्रत्याशा
प्रत्याशा
Omee Bhargava
जलते हुए चूल्हों को कब तक अकेले देखेंगे हम,
जलते हुए चूल्हों को कब तक अकेले देखेंगे हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
अनुराग दीक्षित
Loading...