कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद ( Happy karwa chouth to all)
(‘शब्दों का अनुनाद’ कुंडलिया संग्रह से)
झूमें घूमें साथ में,करें परस्पर प्यार।
करवा चौथ मनाइए,सुखी रहे संसार।
सुखी रहे संसार,उम्र लंबी हो पति की।
रिश्ता बने अटूट,पराकाष्ठा हो रति की।
बनें शीत की धूप,एक दूजे को चूमें।
रहे मुसीबत दूर, साथ खुशियों के झूमें।।1
सजना करवाचौथ है, नहीं मात्र उपवास।
पत्नी का पतिप्रेम ये,बात एक है खास।
बात एक है खास,पत्नियाँ भूखी रहकर।
पति की लंबी उम्र, माँगतीं हर दुख सहकर।
मुझे न जाना छोड़, नाम बस मेरा जपना।
सात जन्म का साथ, निभाना मेरे सजना।।2
आया करवाचौथ का,ये अद्भुत त्योहार।
जिसको ताने वर्ष भर,आज उसी से प्यार।
आज उसी से प्यार,शेरनी बैठ जताए।
सादर करे प्रणाम,गले से खूब लगाए।
जिसको पंजा मार,वर्ष भर खूब रुलाया।
पत्नी जी को आज,प्रेम उस पति पर आया।।3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय