कुंडलिया छंद
कर सकते हैं हम कभी,जीवन की शुरुआत।
मन में रखना हौसला , बन जाएगी बात।
बन जाएगी बात , यही सब कहते प्यारे।
मत समझो असमर्थ ,न खोजो बैठ सहारे।
जिनमें जोश जुनून ,नहीं वे राही थकते।
यदि होती है चाह, प्राप्त हम सब कर सकते।।1
रहे सताता रात भर ,मुझको जिसका प्यार।
देख उसी को मैं सदा ,जाती हूँ दिल हार।
जाती हूँ दिल हार, देख मुस्कान निराली।
कर देती है मुग्ध ,छटा अद्भुत मतवाली।
वह है मेरा पुत्र , और मैं उसकी माता।
रो- रो कर फरियाद, मुझे वह रहे सताता।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय