कुंडलियां
होती है हर रात की , जैसी भी हो भोर ।
तिमिर सदा रहता नहीं ,हिम्मत पर दें जोर।।
हिम्मत पर दें जोर , समय की है बलिहारी ।
अगर आज है कष्ट , खुशी कल होगी भारी ।
सबके कष्ट खरीद , धर्म का चमके मोती ।
इक दूजे से प्यार , यही मानवता होती।।
सतीश पाण्डेय