भक्तों की फरियाद
भक्तों की फरियाद को सुनते हैं भगवान।
जो मन से सुमिरन करे, करते हैं कल्यान।
करते हैं कल्यान,ध्यान उसका नित रखते।
देते सब वर दान,धान्य- धन से घर भरते।।
कहै’अटल’ कविराय,जानता सबके मन की।
मनोकामना पूर्ण,करे नित ही भक्तों की।
भक्तों की फरियाद को सुनते हैं भगवान।
जो मन से सुमिरन करे, करते हैं कल्यान।
करते हैं कल्यान,ध्यान उसका नित रखते।
देते सब वर दान,धान्य- धन से घर भरते।।
कहै’अटल’ कविराय,जानता सबके मन की।
मनोकामना पूर्ण,करे नित ही भक्तों की।