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11 Nov 2019 · 1 min read

कुंडलियाँ : मानव सुनो पुकार

कुंडलियाँ

मानव सुनो पुकार अब,
भु को रखना साफ।
वरना कभी सृष्टि हमे,
नही करेगा माफ।।
नही करेगा माफ,
प्रलय काल दिखायेगा।
तन मन जो हो स्वच्छ,
गंग पवित्र बहायेगा।।
कह डिजेन्द्र करजोरि,
नही बनना तुम दानव।
धरा रखो नित स्वच्छ,
सदा ही बनकर मानव।।
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