कीमत
कीमत पर मत जाओ
कीमत घट बढ़ जाती है
कीमत ही सरे बाजार
बोली लगवाती है।
मांग सही हो जिसकी
वह महंगा कहलाता है ।
जिसकी कीमत नही कभी
लाखों में बिक जाता है।
कीमत की चिंता न करो।
खुद उपयोगी बन जाओ।
सहयोग करो लोगों की
अनमोल कहलाओ।
समय बताता है जो कम है
कभी भाव खा जाता है ।
दो टका हो मोल कभी
महंगा बन छा जाता है ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र