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6 Aug 2023 · 1 min read

कीमतों ने छुआ आसमान

चाय के कप के दर्शन नहीं
होते हैं अब छोटे बाजारों में
कागज के छोटे कप में चाय
परोसी जाती है तलबगारों में
महंगाई के मकड़जाल ने जन
जन को जकड़ किया हलकान
हर वस्तु की मात्रा कम होती जा
रही, कीमतों ने छुआ आसमान
बाजारों के रुख पर निगरानी के
लिए कहीं कोई तंत्र नहीं दिखता
जिसके मन में जो आता है वो
उसी हिसाब से लेन देन करता
हे ईश्वर मेरे देश के कर्णधारों
को देना सन्मति औ सही मंत्र
बढ़ती हुई महंगाई पर प्रभावी
अंकुश को सक्रिय करें वो तंत्र

Language: Hindi
184 Views
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