कीच कीच
गोरखपुर से बस्ती बस्ती से गोरखपुर प्रतिदिन आना जाना होता था सुबह साढ़े सात बजे गोरखपुर से बस्ती के लिए जाना और शाम छ साढ़े छः बजे बस्ती से गोरखपुर के लिए चल देना यही नियमित दिन चर्या लगभग एक वर्षो तक सन 2017 में थी ।
एक दिन शाम सर्दी का महीना बस्ती से गोरखपुर के लिए बस पर बैठा कुछ देर इंतजार के उपरांत बस चल पड़ी ।
बस कुछ दूर आगे चली तभी एक महिला ने बस को रुकने के लिए हाथ दिया ड्राइवर ने बस रोका और महिला बस पर सवार हो गयी ।
बस गोरखपुर के लिए चल दी उत्तर प्रदेश परिवहन नियमित दैनिक यात्रियों के लिए मासिक पास जारी करती है जिसे एक एक महीने पर रिनुअल कराना होता है ।
महिला ने अपना एम एस टी कंडक्टर को दिया और बोली मुझे गोरखपुर जाना है महिला का पहिनावा ओढावा देखकर किसी संभ्रांत सोसायटी की महिला लगती थी ।
बस कंडक्टर बोला मैडम आधार कार्ड भी दे दीजिये जिससे कि आपकी एम एस टी बेबिल पर चढ़ा लू महिला ने फौरन बेबाकी से उत्तर दिया मेरा आधार कार्ड कही खो गया है एम एस टी तो है ही ।
कंडक्टर बोला मैडम बिना आधार कार्ड के इस एम एस टी का कोई महत्व नही है अतः आप आधार कार्ड की फ़ोटो कॉपी ही दे दीजिये महिला बोली मैं कह रही हूँ कि आधार कार्ड कही खो गया है और मेरे पास फ़ोटो कॉपी नही है ।
आप सिर्फ एम एस टी से ही काम चला लीजिये कंडक्टर और महिला के बीच वार्ता इतने साधारण एव धीमे स्वर में हल्के फुल्के अंदाज़ में हो रही थी कि बस में बैठे अन्य यात्रियों ने दोनों की वार्ता पर कोई ध्यान नही दिया क्योकि कंडक्टर और यात्रियों के बीच अक्सर हास परिहाश होता रहता है यह एक सामान्य सी व्यवहारिकता है ।
सभी लोग यात्रा के दौरान खुश एव प्रसन्नता पूर्ण वातावरण ही चाहते है कभी कभी या अक्सर यह शिकायत अवश्य करते है कि बस बहुत धीमी चल रही है बहुत समय ले रहा है ड्राइवर इससे बाद कि बसे कभी अपने गंतव्य को पहुंच चुकी होंगी।
खैर महिला ने एकाएक तेज स्वर में लगभग चिल्लाते हुए अंदाज़ में कहा कंडक्टर साहब आप अकेली महिला के साथ अभद्र व्यवहार कर कर रहे है ।
महिला को चिल्लाता देख सारे यात्रियों का ध्यान उस महिला की तरफ गया सारे यात्री एक स्वर में पूछने लगे मैडम क्या हुआ ?
क्यो आप चिल्लाने लगी कंडक्टर ने क्या बदसलूकी कर दिया आपके साथ ?
कंडक्टर होशियार एव अनुभवी था वैसे भी आय दिन उनका बिभन्न सोच समाज स्तर के यात्रियों से पाला पड़ता ही रहता है वह मौके की नजाकत को समझ गया वह बस में अपने सीट के सामने खड़ा होकर बोला मैडम के पास एम एस टी है इसका मतलब स्प्ष्ट है ये प्रतिदिन इस रूट पर सफर करती है आप लोग इतना तो जानते ही होंगे कि एम एस टी के साथ आधार कार्ड का होना आवश्यक है मैं मैडम से जब से बस में बैठी है तभी से विनम्रता पूर्वक अनुरोध कर रहा हूँ कि मैडम आप आधार कार्ड दे दीजिए ताकि मैं बेबिल में चढ़ा लू मैडम कह रही है कि मेरा आधार कार्ड खो गया है मैंने मैडम से कहा मैडम फ़ोटो कॉपी या नंबर ही दे दीजिये लेकिन मैडम कुछ भी उपलब्ध नही करा पा रही है उल्टे हमे ही धमकी दे रही है कि मैं इनके साथ अभद्रता कर रहा हूँ।
बस में बैठे सारे यात्रियों ने जब कंडक्टर की जुबानी सुनी तो बोल उठे मैडम आधार कार्ड दे दीजिए नही है तो टिकट नगद देकर बनवा लीजिये इतना विवाद करने से क्या फायदा?
आप भी परेशान हो रही हैं और बवाल बढ़ता जा रहा है।
मैडम झुकने का नाम ही नही ले रही थी उन्होंने कंडक्टर से कहा मैं आपको देख लुंगी कंडक्टर बोला बहन जी देख क्या लेंगी? आपसे हमारी कोई दुश्मनी नही है या तो आप टिकट नगद देकर कटा लीजिये या तो आधार कार्ड दे दीजिये अब आपको मैं उतार भी नही सकता अब आपको पुलिस के हवाले करना होगा क्योकि बात विवाद में बस अब अपने गंतव्य पर पहुँचने वाली है और कुछ दूरी पर पुलिस चौकी थी कंडक्टर ने बस रूकवा दी पुलिस को बुलाने ही वाला था तब तक महिला ने टिकट का पैसा कंडक्टर को देते हुए बोली क्यो पुलिस को बुलाएंगे ये पैसा लीजये टिकट बना दीजिये ।
कंडक्टर अब हल्के मिजाज से बोला मैडम जब आप बस में चढ़ी थी तब बस में रौनक आ गयी थी लेकिन आपने बेवजह किच किच करके माहौल खराब कर अपनी ही तौहीन कराई कितना मीठा माहौल था आपके बस में चढ़ते समय आने #जी खट्टा कर दिया# आपके बेतुके बहस एव विवाद से मेरा मन खट्टा तो हुआ ही सारे यात्रियों का# जी खट्टा होगया# क्या आपको यह सब अच्छा लगा मैडम ने अपनी गलती को स्वीकार किया और बड़ी प्रसन्नता पूर्वक अपने गंतव्य को उतर गई।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।