किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
भाई जैसी चीज नहीं है देखो सोच विचार कै
याणे से न वन लाया कदै देखा कोना सुख तने
आते ही बिपता में पड़ गया सहणा हो गया दुख तनै
खोला कोन्या मुख तनै मैं रोऊ टक्कर मार के
तेरे बिना मन भैया लक्ष्मण दिखे घोर अंधेरा
घाव हो गया मेरी जान निकल गई हाल देखकर तेरा
जीना मुश्किल हो गया मेरा बिन भैया तेरे प्यार के
सो सो देगा गाल जमाना सीता पर भाई वार दिया
बिन भाई के जिंदा रहकै राम ने क्योंकर सार लिया
दिल में के तै धार लिया क्यों छोड़ चला मझधार के
बलदेव सिंह चौहान कहे मेरी सुन लो राम कहानी
रोते-रोते हार लिया मेरे भरा आंख में पानी
जिसके लागी उसने जाणी कैसे दिन हो खार के