किस्सा / सांग – # हरिश्चंद्र – फुटकड़ रागनी # रचनाकार – कवि शिरोमणि प. मांगेराम जी
किस्सा / सांग – # हरिश्चंद्र # रचनाकार – कवि शिरोमणि प. मांगेराम जी
किस्सा – हरिश्चंद्र (फुटकड़ रागनी)
28 दिन का रहणा होगा भंगी आले घर मैं
बोझ तलै मेरी नाड़ टूटगी आगी गर्ब कमर मैं || टेक ||
ठाल्ली झगड़े झोणे होगे, धर्म के मरवे बोणे होगे
सौ सौ घड़वे ढोणे होगे बाल रहया न सिर मैं || 1 ||
रहणा सहणा खास छुटग्या, अवधपुरी का वास छुटग्या
एक लड़का रोहताश छुटग्या बालक सी उम्र मैं || 2 ||
गहरी विपता ठाणी पड़गी, दर-दर ठोकर खाणी पड़गी
मदनावत राणी पड़गी न्युए ठाल्ली सोच फिक्र मैं || 3 ||
अवधपुरी का रहणा छुट्या, मांगेराम ड्राईवर लुट्या
ठोकर लागी घड़वा फूटया चढ़ग्या सूरज शिखर मैं || 4 ||