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2 Sep 2021 · 1 min read

किस्सा कुर्सी का ( सत्ता की लालसा )

सदियों पुरानी दुनिया कुर्सी की है दीवानी ,
देवताओं से इंसानों तक दोहराई गई कहानी ।

देव असुर संग्राम हुआ स्वर्ग की कुर्सी के लिए ,
पुराणों में निहित हैं देवेंद्र की कुर्सी प्रेम कहानी ।

त्रेता युग में केकई ने राम के विरुद्ध षड्यंत्र रचा ,
पुत्र भरत को कुर्सी पर बैठाने हेतु हो गई दीवानी ।

द्वापर युग में कौरव पांडवों के बीच महाभारत हुआ ,
सत्ता के लालसा में हुए थी ये धर्म की अपार हानि ।

राजा महाराजों के मध्य रही परस्पर कुर्सी की जंग ,
एक दूजे की सत्ता हथियाने की ज़िद थी उन्होंने ठानी ।

कुर्सी की लालसा न होती तो रहते परस्पर एकता से ,
ना परस्पर तकरार करते ना विदेशी करते मनमानी ।

इनकी आपसी कलह ने विदेशी शासक सक्रिय हुए ,
सुन सकते है इनके जुल्म सितम इतिहास की जुबानी ।

भारत जो कभी आर्यव्रत था बन गया इंडिया,हिंदुस्तान,
कारण और परिणाम सबका एक कुर्सी की कारस्तानी

और अभी आधुनिक युग में राजनेताओं के बीच युद्ध ,
कुर्सी पाने को एक दूजे के साथ करते ये बदजुबानी ।

आखिर ये सब करे भी क्या है.!ये कुर्सी के बड़े प्रेमी ,
कुर्सी है जब लक्ष्य इनका इसके बिना जिंदगी है सुनी।

Language: Hindi
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