“किस्सा एक गरीब का है”
जिंदगी है जो चाहिए वो देती नहीं,
वो मिलता है जो नसीब का है।
दो रोटी को मोहताज है आज,
क्योंकि किस्सा एक गरीब का है।
जिंदगी है जो चाहिए वो देती नहीं,
वो मिलता है जो नसीब का है।
दो रोटी को मोहताज है आज,
क्योंकि किस्सा एक गरीब का है।