Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2016 · 1 min read

किस्मत

1
इम्तिहान ले ज़िन्दगी ,करे पास या फेल
किस्मत भी इसमें बड़ा, खेले अपना खेल
2
मिलना खोना सब भले , हो किस्मत के हाथ
नहीं छोड़ना चाहिए, पर कर्मों का साथ
3
अलग अलग लेकर यहाँ ,आते सब तकदीर
जाते पर जब छोड़ जग ,होते सभी फ़क़ीर
4
बीज सदा संतोष के,जो खुद में है बोय
बिगड़े चाहें काम वो,नहीं भाग्य को रोय
5
किस्मत के भी खेल हैं,कितने यहाँ अजीब
कोई बहुत अमीर तो, कोई बहुत गरीब
6
पल में किस्मत दे बदल,वक़्त बड़ा बलवान
राजा को कर रंक दे,रंक करे धनवान
7
होते जीवन भर रहें,कर्म भाग्य के खेल
सफल होय पर ज़िन्दगी,जब इनका हो मेल

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
7 Comments · 599 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
Shyam Pandey
मरासिम
मरासिम
Shyam Sundar Subramanian
धुवाँ (SMOKE)
धुवाँ (SMOKE)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
Arvind trivedi
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
अनिल अहिरवार"अबीर"
जीवन है पीड़ा, क्यों द्रवित हो
जीवन है पीड़ा, क्यों द्रवित हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🌺प्रेम कौतुक-194🌺
🌺प्रेम कौतुक-194🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमारा सफ़र
हमारा सफ़र
Manju sagar
हम बच्चे
हम बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
"कइयों को जिसकी शक़्ल में,
*Author प्रणय प्रभात*
** मन में यादों की बारात है **
** मन में यादों की बारात है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
बिल्ली
बिल्ली
SHAMA PARVEEN
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
योग
योग
जगदीश शर्मा सहज
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
शेखर सिंह
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
Anju ( Ojhal )
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
"जीवन का संघर्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बच्चे कैसे कम करें, बच्चे घर की शान( कुंडलिया)
बच्चे कैसे कम करें, बच्चे घर की शान( कुंडलिया)
Ravi Prakash
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
Loading...