किस्मत
कभी किस्मत हम पे रोती है, कभी हम किस्मत पर रोते ।
फ़िर भी जिंदगी के सफ़र में, हम हमसफ़र सम हैं होते।
सदा इसकी कोशिश रहती,हार जाऊं जंग जिंदगी से मैं।
पर पालूंगी तुझे ए किस्मत, सद्कर्मों की बंदगी से मैं।
जारी हैं कोशिशें मेरी, कभी तो हालात भी बदलेंगे।
कोशिश और हिम्मत से हम नव किस्मत को बदलेंगे।
मुझको बना कठपुतली,किस्मत मुझपर हंसती है।
मेरी हर सफलता को, अपने पंजों में कसके कसती है।
होती किस्मत है चुनौती, नीलम स्वीकार तू करले।
पाने को अजयी सफलता,मन में तूफान तू भरले।
नीलम शर्मा